'साईकिरण टाइम्स'के संपादक राजेश बोरुडे ने केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग के सचिव श्री राज कुमार दिग्विजय, राज्यमंत्री साध्वी ज्योति, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से शिकायत की है। श्रीरामपुर तालुका के दिघी गांव में प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, 128.15 लाख की अनुमानित लागत से आरएम 36 से दिघी तालुका सीमा सड़क तक सड़क का कार्य बहुत ही घटिया सामग्री का उपयोग करके चल रहा है। इस सड़क कार्य में प्रारम्भ से ही अत्यंत घटिया, कच्ची, भंगुर बजरी का प्रयोग किया जाता रहा है। इससे कुछ दिनों में सड़क खराब हो जाएगी और जगह-जगह गड्ढे हो जाएंगे। राजेश बोरुडे ने आरोप लगाया कि जब खदान से कोयले और सड़क के काम के लिए हार्ड रॉक का उपयोग करना आवश्यक था तो ठेकेदार ने संबंधित अधिकारियों के सहयोग से घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया। सड़क के दोनों ओर हर जगह साइड गटर नहीं बने हैं, लेकिन साइड गटर का काम आंशिक रूप से छोड़ दिया गया है।
अधिकारियों ने ठेकेदार से हाथ मिलाया...
जबकि सड़क का काम किनारे पर चल रहा है, वहा पीएमजीएसवाई कार्यालय अहमदनगर के नियुक्त अभियंता, अधिकारियों को वहां उपस्थित होना आवश्यक है, और ठेकेदार से अनुबंध दस्तावेजों, सुपर सशर्त बजट के अनुसार सड़क का काम प्राप्त करना है, लेकिन संबंधित अभियंता वहापर मौजूद नहीं राहते, इसलिये ठेकेदार मनमाने तरीके से घटिया सामग्री का प्रयोग कर सड़क का घटिया कार्य कर रहा है। राजेश बोरुडे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार और संबंधित अधिकारी मिलीभगत हैं, इसलिए ठेकेदार को रिहा किया जा रहा है और उनके अपने घरों को सरकारी धन से भुगतान किया जा रहा है।
निरीक्षण के लिए कौन सी सामग्री दी गई और वास्तव में किसका इस्तेमाल किया गया, इसकी जांच हो...
सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व जब सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाना आवश्यक है, तो सड़क कार्य में घटिया व घटिया सामग्री का प्रयोग कैसे हो रहा है? सामग्री की जांच की गई या नहीं इसकी विस्तृत जांच कर के, यदि सड़क निर्माण में प्रयुक्त सामग्री का निरीक्षण किया जाता है, तो ठेकेदार द्वारा निरीक्षण के लिए कौन से नमूने दिए गए थे और वास्तव में किस सामग्री का उपयोग किया गया था, इसकी जांच करके इसमे दोषी पाये जाने वाले संबंधित अधिकारी, सड़क कार्यों के पर्यवेक्षण अभियंता, राज्य गुणवत्ता निरीक्षक, सड़क निरीक्षक, काम करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और ठेकेदार को काली सूची में डाला जाए और बिल का भुगतान न किया जाए ऐसी राजेश बोरुडे ने कई मागे रखी है।